एक करोड की बीमा को हड़पने के लिए दनकौर क्षेत्र के भिखारी की हुई थी हत्या गाजियाबाद में दबिश बाप और भाई हुए फरार
ग्रेटर नोएडा/दनकौर। डॉ. सतीश शर्मा जाफ़रावादी
पारसौल निवासी जिस युवक ने अपने भाई और पिता के साथ षड्यंत्र करके कार में जिस भिखारी को जिंदा जलाया था वह दनकौर क्षेत्र का रहने वाला था। दनकौर पुलिस ने भी 2006 में लापता हुए व्यक्तियों का रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है।
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अनिल मलिक ने बीमा राशि हड़पने के लिए पूरा प्लान बनाया था अपने इस प्लान में गांव के ही एक व्यक्ति को शामिल किया था। उसे व्यक्ति ने ही दनकौर स्टेशन से रेल में सफर करने वाले भिखारी को बहका फुसलाकर अनिल मलिक के हवाले किया था। हालांकि अब यह व्यक्ति जीवित नहीं है।
31 जुलाई 2006 को अनिल मलिक की कर में आग लगाई गई थी उसे कर में रेल में गाना गाकर भीख मांगने वाले भिखारी को नशे की गोलियां देकर जिंदा जलाया गया था यह भिखारी दनकौर रेलवे स्टेशन से दिल्ली तक की यात्री ट्रेनों में नियमित गाना गाकर पैसे मांगता था। गाना गाकर पैसे मांगने वाला यह व्यक्ति रोजाना दनकौर स्टेशन से रेल में सवार होता था। उसे समय के दैनिक यात्री बखूबी इस व्यक्ति को जानते पहचानते थे। 2006 के बाद से यह व्यक्ति देने की यात्रियों को रेल में नहीं दिखा।
दनकौर क्षेत्र में 13 व्यक्तियों की हुई थी गुमशुदगी दर्ज
वर्ष 2006 में दनकौर थाना क्षेत्र से 13 व्यक्तियों की गुमशुदगी दर्ज हुई थी। जिनमें से पांच महिलाएं और आठ पुरुष थे। इनमें से एक व्यक्ति को छोड़कर सभी वापस आ गए। गुमशुदा हुई लड़कियों ने घर छोड़कर शादी कर ली वहीं बाकी युवा और किशोर अपने घर लौट आए।
सिकंदराबाद ककोड थाना क्षेत्र निवासी होने की भी आशंका
दनकौर क्षेत्र से सटा हुआ सिकंदराबाद और ककोड थाना का क्षेत्र भी है। आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि अमुक व्यक्ति इन थाना क्षेत्र का भी हो सकता है। पुराने समय के दैनिक यात्रियों ने बताया कि कुछ समय दनकौर स्टेशन से रोजाना गीत गाकर पैसे मांगने वाला व्यक्ति रेल में नियमित सफर करता था।
मामला काफी पुराना है फिर भी 2006 में गायब हुए लोगों के रिकॉर्ड की जांच कराई जाएगी। गुमशुदगी दर्ज हुई होगी तो ऐसे व्यक्ति की आसानी से शिनाख्त हो सकती है।
-अशोक कुमार, एडिशनल डीसीपी ग्रेटर नोएडा
भाई और पिता की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश कागजात बरामद
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने अनिल मलिक के भाई अभय मलिक और पिता विजयपाल मलिक की गिरफ्तारी के लिए गाजियाबाद में लोहिया नगर स्थित उनके घर पर दबिश दी लेकिन दोनों वहां से फरार मिले। स्थानीय पुलिस के साथ अहमदाबाद पुलिस ने पूरे घर की तलाशी ली और बीमा कंपनी से संबंधित एक फाइल और अनिल मलिक का असली नाम वाला ड्राइविंग लाइसेंस भी बरामद किया। पुलिस ने वकील और पड़ोस के लोगों की मौजूदगी में फाइल और लाइसेंस बरामद कर अपने साथ ले गई।
अहमदाबाद और यूपी पुलिस ने पड़ोसियों के हवाले से बताया कि जिस दिन अहमदाबाद में अनिल मलिक की गिरफ्तारी हुई थी उसी दिन सूचना उन्हें मिल गई थी तभी से अभय और पिता विजयपाल मलिक गिरफ्तारी से बचने के लिए घर से फरार हो गए।