13 दिन में मात्र 4 किलोमीटर दूर तक गया बिलासपुर के व्यापारी पुत्र का शव तलाश हुई 200 किमी तक फास्ट ट्रैक में होगी सुनवाई आज से खुलेंगे बाजार
व्यापारी पुत्र का शव 13 दिन बाद नहर से बरामद
बिलासपुर(ग्रेटर नोएडा) में डॉ. सतीश शर्मा जाफरावादी। बिलासपुर के व्यापारी पुत्र वैभव सिंगल का शव 13 दिन बाद गंग नहर से बरामद हो गया। परिजनों द्वारा शव की शिनाख्त के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम करा रविवार की देर शाम परिजनों को सौंप दिया। भारी पुलिस सुरक्षा के बीच देर शाम गमगीन माहौल।में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
व्यापारी पुत्र के शव बरामदगी के बाद 5 दिन से कस्बे में चल रहा धरना प्रदर्शन भी समाप्त कर दिया गया। व्यापार मंडल के अनिल तायल ने धरना स्थल पर धरना समाप्त करने की घोषणा की। इसके बाद वहां मौजूद हजारों लोग अपने-अपने गंतव्य को चले गए। सब बरामद की और धरना प्रदर्शन समाप्त हो जाने के बाद सोमवार से कस्बे के बाजार यथावत खुलेंगे।
30 जनवरी को कस्बे के अरुज सिंघल उर्फ बल्ली का इकलौता 16 वर्षीय पुत्र वैभव सिंघल अचानक गायब हो गया था। इस संबंध में पुलिस ने कस्बे के ही निवासी माज पठान और अयान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन शव बरामद नहीं होने पर व्यापारियों द्वारा धरना प्रदर्शन और आंदोलन किया जा रहा था। पुलिस पर दबाव बनाने के लिए व्यापारियों ने बिलासपुर पुलिस चौकी का घेराव भी किया था और 5 दिन से कस्बे का बाजार बंद कर व्यापारी धरना प्रदर्शन कर रहे थे। 13 फरवरी को व्यापारियों ने खेरली नहर पर चक्का जाम करने की भी चेतावनी दी थी।
रविवार की सुबह 12 बजे नहर के किनारे पैदल गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों को चचूरा गांव के पास नहर में झाड़ियां में एक शव फंसा हुआ दिखाई दिया। जिसकी पहचान वैभव के शव के रूप में कस्बे के लोगों ने की। शव बरामदगी के बाद पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।
कस्बे की शांति भंग होने की आशंका में दादरी, दनकौर, जेवर, रबुपरा और ग्रेटर नोएडा तक के थानों की पुलिस फोर्स एसीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया था। रविवार को बिलासपुर कस्बे में आरोपियों के घर और मृतक के घर के आसपास पूरे कस्बे में भारी संख्या में पुलिस बल और अर्धसैनिक बल मौजूद रहा।
देर शाम भारी पुलिस सुरक्षा के बीच मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मृतक के पिता अरूज सिंघल ने कहा कि उनकी लड़ाई अपने बेटे को न्याय दिलाने तक जारी रहेगी। वह हत्यारों को सजा दिलाए जाने तक चैन से नहीं बैठेंगे।
डीसीपी परिजनों से मिले रविवार देर शाम डीपी ग्रेटर नोएडा शाद मियां खान अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ मृतक के परिवारी जनों से मिले और उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि दो हत्यारोपियों के अलावा इस मामले में जिन लोगों का हाथ रहा है वह उनको भी मामले की जांच कर सजा दिलाने का प्रयास करेंगे।
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अंतिम संस्कार में सांसद महेश शर्मा शामिल रहे
व्यापारी पुत्र वैभव सिंगल के अंतिम संस्कार में कस्बे और क्षेत्र के हजारों लोग शामिल रहे। सांसद डॉक्टर महेश शर्मा ने भी शोक संतप्त पारिवारिक जनों को सांत्वना देखकर जांच प्रक्रिया में पूरी मदद करने का आश्वासन दिया और अंतिम संस्कार में शामिल रहे। कस्बे से लेकर रामपुर रोड पर स्थित श्मशान घाट तक शोक संवेदना व्यक्त करने वालों की भीड़ लगी रही।
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एडिशनल डीसीपी ग्रेटर नोएडा अशोक कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में चलेगी। हत्यारोपियों को जल्द से जल्दी सजा दिलाए जाने का पुलिस का पूरा प्रयास रहेगा। इस मामले की सघनता से त्वरित जांच कर फास्ट ट्रैक अदालत में दाखिल की जाएगी।
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13 दिन में मात्र 4 किलोमीटर दूर बहा शव तलाश हुई 200 किमी तक
दनकौर। डॉ. सतीश शर्मा जाफराबादी।व्यापारी पुत्र वैभव का शव तलाशने के लिए पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। 13 दिन में शव गंग नहर में मात्र चार किलोमीटर दूर तक बहा। जबकि शव की तलाश गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा तक गंग नहर के अलावा यमुना नदी में 200 किलोमीटर दूर तक होती रही।
पुलिस अधिकारिर्यों के मुताबिक हत्यारों ने शव को खेरली नहर में हिरनोटी गांव के समीप फेंका था। वहां से चचूरा गांव तक की दूरी मात्र 4 किलोमीटर है।
रविवार की सुबह चचूरा गांव के पास नहर में मृतक का शव झाड़ियां में अटका हुआ दिखाई दिया। पुलिस टीम पैदल ही शव की तलाश कर रही थी। अचानक झाड़ियां में एक शव फंसा हुआ देखा तो पुलिस टीम ने उसे बाहर निकलवाया और कस्बे के लोगों द्वारा पहचान वैभव के शव के रूप में हुई।
मृतक के सब की तलाश के लिए डेढ़ सौ पुलिसकर्मियों और व्यापारियों की टीम गौतम बुध नगर क्षेत्र की गंग नहर से लेकर बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आसपास के कई दर्जन रजवाहों से लेकर मथुरा और आगरा में यमुना नदी तक होती रही।
शव की तलाश के लिए एनडीआरएफ की टीम और पुलिस की 6 टीम लगाई गई थीं। व्यापारी स्वयं पुलिस टीम के साथ शव की तलाश में जुटे हुए थे।
शव की तलाश के लिए गंग नहर में पानी की आपूर्ति बंद भी कराई गई थी लेकिन सब बरामद नहीं हुआ था। शनिवार को नहर में दोबारा पानी छोड़ा गया दोबारा पानी छोड़ने के बाद मिट्टी में धंसा हुआ शव पानी के दबाव के साथ बाहर निकला और झाड़ियां में फंस गया।