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प्लॉट को लेकर हतेवा गांव में दो गुटों में मारपीट पुलिस पर आरोप वीडियो वायरल सांसद का कार्यक्रम रद्द

प्लॉट को लेकर हतेवा गांव में दो गुटों में मारपीट वीडियो वायरल सांसद नहीं पहुंचे कार्यक्रम में

दनकौर/ग्रेटर नोएडा । डॉ. सतीश शर्मा जाफरावादी। ग्रेटर नोएडा के दनकौर क्षेत्र के हतेवा गांव में एक प्लॉट की जमीन को लेकर दो गुटों में मारपीट हो गई। रात के समय हुई मारपीट, गाली-गलौच और पुलिस पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस घटना के बाद गांव में गुटबाजी को देखते हुए सांसद डॉ. महेश शर्मा जनसंपर्क के लिए निर्धारित कार्यक्रम में गांव में नहीं पहुंचे।
मंगलवार को गांव में क्षेत्रीय सांसद जनसंपर्क का कार्यक्रम था। इस हेतु गांव में उनके समथर्क गुट के लोग कार्यक्रम की तैयारी में जुटे थे। आरोप है कि सांसद गुट के पूर्व प्रधान के समर्थक जबरन एक व्यक्ति के प्लाट पर रात के समय रास्ता बना रहे थे। इसी दौरान दोनों पक्षों में कहानी और मारपीट हो गई। एक पक्ष का कहना है कि उसके पास प्लाट के कागजात है। 50 वर्ष से उनका प्लॉट पर कब्जा है। जबकि सांसद समर्थक गुट के लोग प्लॉट की जमीन को सरकारी रास्ते की बता रहे थे।
आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत से इस भूमि से रात के समय लोग मिट्टी हटाने और रास्ता बनाने का काम कर रहे थे। प्लांट की जमीन को अपना बता रहे लोगों ने इसका विरोध किया दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। पुलिस के हलका इंचार्ज और अन्य पुलिसकर्मी भी इस मौके पर मौजूद थे। एक पक्ष के लोगों ने पुलिस कर्मियों पर भी खुलेआम भ्रष्टाचार के आरोप लगाए इस दौरान पुलिस कर्मियों को तबादला करने की धमकी भी दी गई।
इस घटना के बाद गांव में प्लॉट की भूमि को लेकर दो गुट बन गए। इसकी खबर समर्थकों के द्वारा सांसद महेश शर्मा को भी पहुंच गई। इसके बाद मंगलवार को सांसद डॉ महेश शर्मा का गांव में कार्यक्रम नहीं हो सका। एक पक्ष ने सांसद के कार्यक्रम के दौरान उनका विरोध करने की खुली चेतावनी दी थी।
इस संबंध में दनकौर पुलिस का कहना था कि सांसद महोदय के कार्यक्रम के कारण रास्ते को गांव के लोग बनवा रहे थे। पुलिस तो कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करने गई थी। लेकिन यह रास्ता रात में ही क्यों बनाया जा रहा था। इसका पुलिस के पास भी कोई जवाब नहीं था। पुलिस के अनुसार राजस्व अधिकारियों के मौके पर आने तक स्थिति यथा स्थिति बना दी गई है। राजस्व रिकॉर्ड में जमीन जिसकी होगी वह उसके स्वामित्व में दी जाएगी। इस घटना को लेकर गांव में गुटबाजी तेज हो गई है। क्षेत्र में तरह-तरह की बातें इस घटना को लेकर चर्चा में है। गांव के लोगों का कहना था कि जब सांसद महोदय को यह पता चल गया कि गांव में गुटबाजी हो गई है तो उन्हें गांव में अपने समर्थकों को समझा बुझाकर स्थिति को सामान्य करना चाहिए था। जनप्रतिनिधि का यही कर्तव्य है।
सांसद जब कार्यक्रम में गांव नहीं पहुंचे तो कनारसी गांव में सांसद समर्थक पहुंचे और उनका स्वागत किया।

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